DC CURRENT IN HINDI

DC CURRENT (DIRECT CURRENT)

DC करंट को डायरेक्ट करंट और हिंदी में दिष्ट धारा भी कहा जाता है सभी इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण DC करंट पर ही कार्य करते है दस करंट का मुख्य स्त्रोत बैटरी है इसके अलावा AC करंट से भी DC करंट को प्राप्त किया जाता है इसके लिए रेक्टिफायर का प्रोग किया जाता है जो  AC को DC में बदलता है DC करंट सदैव  दिशा में चलती है इसमें इलेक्ट्रान एक दिशा में आगे बढ़ते है दस करेंट में कोई भी फ्रीक्वेंसी नहीं होती है




DC करंट का प्रतिक यानि सिम्बल (SYMBOL) इस प्रकार का होता है


Image result for DC CURRENT

डायरेक्ट करंट को सबसे पहले इटली के एक साइंटिस्ट अलेस्सेन्द्रो वोल्टा (ALLESSENDRO VOLTA ) ने खोजा था बैटरी बनाकर लेकिन करंट कैसे फ्लो होता है इसके बारे में उनको कोई जानकारी नहीं थी इसके पश्चात ANDRE MARIE AMPERE ने पता लगाया और बताया की करंट एक दिशा में फ्लो होती है और पॉजिटिव से नेगेटिव की ओर जाती है इसके बाद हिप्पोलाइट पिक्सी (HIPPOLYTE PIXII) ने 1832 में डाइनेमो का आविष्कार कर लिया जिसको बाद में और सुधार कर शुद्ध दस प्राप्त किया गया  सुरु में सभी घरो को दस सप्लाई से चलाया जाता था लेकिन AC की खोज होने के बाद DC का स्थान एक AC ने ले लिया

Image result for DYNAMOडयनमो (DYNAMO)

AC करंट को डाइनेमो से प्राप्त किया जाता है या बैटरी या सोलार से भी प्राप्त किया जा सकता है इस करंट को दूर दूर तक नहीं भेजा जा सकता है  जनरेटर या जिसे डाइनेमो कहा जाता है में एक स्लिप रिंग और कम्युनीटेटर एक प्रयोग किया जाता है यह फैराडे लॉ और फ्लेमिंग के राइट हैंड रूल के सिद्धांत पर कार्य करता है

Image result for DIRECT CURRENT


Dc करंट को आमीटर गेल्वनोमीटर या मल्टीमीटर से नापा जाता है आमीटर को सर्किट में हमेशा PARRELAL यानी समांतर क्रम में जोड़ा जाता है गाडियो वाहनों में भी DC करंट का उपयोग किया जाता है दस करंट एक करंट से ज्यादा खतरनाक होता है क्योंकि DC करंट अपनी दिशा नही बदलता बैटरी में उतनी वोल्टेज नही होती है इस कारण आपको करंट नही लगता है

Image result for AMMETER

Dc को AC में बदल जा सकता है इसके लिए फुल वेव रेक्टिफायर का प्रयोग किया जाता है जो चार डायोड से मिलकर बना होता है रेक्टिफायर कई प्रकार के होते है डायोड एक ऐसा कॉम्पोनेन्ट है जिसमे दो सिरे होते है एनोड और कैथोड डायोड में करंट एनोड से कैथोड की ओर जा सकती है लेकिन कैथोड से एनोड की ओर नही आ सकती इस प्रवृत्ति का लाभ उठाकर ही रेक्टिफायर का निर्माण किया गया लेकिन रेक्टिफायर से प्राप्त होने वाला करंट पुर्ण रूप से शूद्ध नही होता इसमे AC के कुछ पल्स रह जाते है जिसको फ़िल्टर करना होता है इसको फ़िल्टर करने के लिए कैपेसिटर का प्रयोग किया जाता है





Image result for FULL WAVE RECTIFIER

Image result for DC CURRENT DIODE



















 RECTIFIER                                                                                             FILTER PURE DC


Comments

Popular posts from this blog

SERIES AND PARRELAL CONNECTION IN HINDI

थ्री फेज ट्रांसफार्मर

इंडक्टर के प्रकार