किरचॉफ लॉ

KIRCHOOF LAW

किसी भी जटिल ( COMPLEX ) DC सर्किट में वोल्टेज और करंट का मान पता लगाना है उस समय ओम का नियम से उसका पता लगाया नहीं जा सकता है क्योंकि ओम का नियम केवल सिंपल सर्किट में प्रयोग किया  जाता है इसके समाधान के लिए किरचॉफ लॉ का प्रयोग किया जाता है क्योंकि इसमें सर्किट यानि परिपथ में किसी भी जगह का वोल्टेज और करंट का पता लगाया जा सकता है

काम्प्लेक्स सर्किट से मतलब है जिस सर्किट में करंट सोर्स एक या एक से अधिक हो और उसमे लगे कंपोनेंट्स सीरीज और पेरेलल दोनों हो कोई करंट एक तरफ से आ रही है कोई करंट दूसरी तरफ से इस स्थिति में किरचॉफ लॉ का प्रयोग किया जाता है

Image result for KIRCHOF CIRCUIT

इसे समझने से से पहले इसमें प्रयोग होने वाले कुछ तकनिकी शब्दो को जान लेना आवश्यक है

1 )  NODE ( नोड )
2 ) JUNCTION
3 ) BRANCH ( ब्रांच )
4) LOOP ( लूप )

NODE


इस डायग्राम में A,B,E और D नोड है
जहां दो या दो से अधिक रस्ते ( WIRE ) ELEMENTS आकर मिलते है


JUNCTION




जहाँ एक नोड में एक और रास्ता आकर जुड़ जाए उसे जंक्शन कहते है यानि जहाँ तीन रास्ते होते है

BRANCH


इसमें दो जंक्शन है FABC , CDEF

एक जंक्शन से दूसरे जंक्शन तक का रास्ता चाहे वह किसी भी दिशा में हो ब्रांच कहते है किसी भी ब्रांच में जब चार्ज चलना सुरु करता है और दूसरे ब्रांच तक पहुचता है दोनो समय चार्ज की मात्रा उतनी ही होती है ना कम और न ही अधिक होती है एक ब्रांच से दूसरे ब्रांच तक पहुंचने के बाद जंक्शन खत्म  है

LOOP


इसमें तीन लूप है ABCFA , CDEFC , ABDEA

किसी भी एक नोड से चलकर वापस वही पहुच जाने पर जो रास्ता होता है उसे लूप कहते है यानी जहा से चलना सुरु किया वही पहुच जाना लूप कहलाता है


KIRCHHOFF FIRST LAW


पहले रूल को जंक्शन रूल या करंट रूल भी कहते है यह रूल कहता है किसी भी जंक्शन में करंट की वैल्यू शून्य होती है यानी जंक्शन में जितनी भी करंट आती है उतनी करंट बाहर निकल जाती है जंक्शन पर आने वाली करंट पॉजिटिव है तो जाने वाली करंट नेगेटिव होगी इस कारण जंक्शन की करंट वैल्यू जीरो होती है यानी जितनी करंट आएगी उतनी ही करंट बाहर निकल जायेगी ये CONSERVATION OF LAW जिसे हिंदी में ऊर्जा संरक्षण का नियम कहते है के सिद्धांत के अनुसार  है


KIRCHHOFF SECOND RULE


इसे लूप लॉ या वोल्टेज लॉ भी कहते है किसी लूप में विद्युत वाहक बल का कुल योग उस उस परिपथ में लगे एलिमेंट यानि रेसिस्टर के सिरों में मध्य  उपस्थित विद्युत वाहक बल के  योग के बराबर होगा

यदि हमें किसी एक लूप में इस लॉ को लगाना है तब हमें उस लूप में किरचॉफ का पहला नियम लगाना पड़ेगा हम जिस डायरेक्शन में कैलकुलेशन करेंगे उसी के अनुसार हमें उसकी वैल्यू पॉजिटिव या नेगेटिव में प्राप्त होगी

यदि करंट A से B की दिशा में जा रही है तब VAB  = IR 
IR दो पॉइंट्स के बिच में पोटेंशियल डिफ्रेंस बताता है

VBA  - IR

जब पोटेंशियल डिफ्रेंस की कैलकुलेट को उल्टी दिशा में किया जाता है तब वोल्टेज को नेगेटिव में लिया जाता है

इसमें जब हम A से B जाते है तब हमें पोटेंशियल डिफ्रेंस नेगेटिव में मिलता है लेकिन यदि हम B से A की ओर जाते है तब पॉजिटिव करंट प्राप्त होता है
यानी जब आप करंट की विपरीत दिशा में कैल्कुलेशन करेंगे तब आपको पोटेंशियल डिफरेन्स नेगेटिव में मिलेगा

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