SCHOTTKY DIODE IN HINDI
SCHOTTKY DIODE
इसे SCHOTTKY CARRIER DIODE OR HOT CARRIER DIODE भी कहते है इसका प्रयोग हाई स्विचिंग वाली जगह पर किया जाता है नार्मल PN junction diode की अपेक्षा इसकी स्विचिंग स्पीड बहुत अधिक होती है डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक में इसका प्रयोग किया जाता है
इसमे केवल एक P रीजन होता है और इस रीजन के ऊपर मेटल की लेयर होती है ये लेयर सिल्वर गोल्ड या प्लैटिनम धातु की हो सकती है
WORKING
नार्मल PN JUNCTION डायोड हाई फ्रीक्वेंसी पर ठीक तरह से काम नही करते खराब हो सकते है और ac rectify आऊटपुट भी हाई फ्रीक्वेंसी में सही नही होता उसमे नेगेटिव पल्स भी आ जाते है जिससे बचने के लिए SCHOTTKY DIODE का प्रयोग किया जाता हैं इसमे किसी भी तरह का जंक्शन नही होता है
नार्मल डायोड में p और n रीजन होते है p में मेजोरिटी कैरियर चार्ज होल्स और माइनॉरिटी चार्ज कैरियर फ्री इलेक्ट्रान होते है इसी तरह n जंक्शन में ठीक इसका उल्टा होता है इसमे मेजोरिटी चार्ज फ्री इलेक्ट्रान और माइनॉरिटी चार्ज होल्स होते है जब इन डायोड को ac सोर्स के साथ में जोड़ा जाता है ac का जब पॉजिटिव साईकल होता है तब p के होल्स n में जाने लगते है और इसी तरह n के फ्री इलेक्ट्रान p की तरफ जाने लगते है इस समय जब ac का साईकल नेगेटिव में जाता है तब p और n में माइनोरिटी और मेजोरिटी चार्ज की संख्या बदल जाती है क्योंकि होल्स p जंक्शन में जल्दी से जल्दी नही जा पाते और इलेक्ट्रान n ने जल्दी नही जा पाते क्योंकि बीच मे depliciation रिजन होता है इस कारण आउटपुट में नेगेटिव करंट आ जाता है
इसे SCHOTTKY CARRIER DIODE OR HOT CARRIER DIODE भी कहते है इसका प्रयोग हाई स्विचिंग वाली जगह पर किया जाता है नार्मल PN junction diode की अपेक्षा इसकी स्विचिंग स्पीड बहुत अधिक होती है डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक में इसका प्रयोग किया जाता है
इसमे केवल एक P रीजन होता है और इस रीजन के ऊपर मेटल की लेयर होती है ये लेयर सिल्वर गोल्ड या प्लैटिनम धातु की हो सकती है
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नार्मल PN JUNCTION डायोड हाई फ्रीक्वेंसी पर ठीक तरह से काम नही करते खराब हो सकते है और ac rectify आऊटपुट भी हाई फ्रीक्वेंसी में सही नही होता उसमे नेगेटिव पल्स भी आ जाते है जिससे बचने के लिए SCHOTTKY DIODE का प्रयोग किया जाता हैं इसमे किसी भी तरह का जंक्शन नही होता है
नार्मल डायोड में p और n रीजन होते है p में मेजोरिटी कैरियर चार्ज होल्स और माइनॉरिटी चार्ज कैरियर फ्री इलेक्ट्रान होते है इसी तरह n जंक्शन में ठीक इसका उल्टा होता है इसमे मेजोरिटी चार्ज फ्री इलेक्ट्रान और माइनॉरिटी चार्ज होल्स होते है जब इन डायोड को ac सोर्स के साथ में जोड़ा जाता है ac का जब पॉजिटिव साईकल होता है तब p के होल्स n में जाने लगते है और इसी तरह n के फ्री इलेक्ट्रान p की तरफ जाने लगते है इस समय जब ac का साईकल नेगेटिव में जाता है तब p और n में माइनोरिटी और मेजोरिटी चार्ज की संख्या बदल जाती है क्योंकि होल्स p जंक्शन में जल्दी से जल्दी नही जा पाते और इलेक्ट्रान n ने जल्दी नही जा पाते क्योंकि बीच मे depliciation रिजन होता है इस कारण आउटपुट में नेगेटिव करंट आ जाता है
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