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SMALL SIGNAL DIODE IN HINDI

SMALL SIGNAL DIODE इसे point contact diode or glass passivated diode भी कहते है ये एक नॉन लीनियर सेमीकंडक्टर डिवाइस है जिसका प्रयोग इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में किया जाता है जहाँ लो करंट और हाई फ्रीक्वेंसी होती है जैसे रेडियो टेलीविजन और डिजिटल लॉजिक सर्किट में इसका प्रयोग किया जाता है ये साइज में बहुत छोटे होते है सिग्नल डायोड में pn जंक्शन को छोटे ग्लास ट्यूब के अंदर रखा जाता है pn जंक्शन को बचाने के लिए इसकी बॉडी में लाल या काले रंग की पट्टी बनी होती है जिससे यह पता चलता है कि कौन सा सिरा कैथोड का है ज्यादातर 1N4148 OR 1N914 नंबर का स्माल सिग्नल डायोड प्रयोग किये जाते हैं इसका करंट और पावर रेटिंग बहुत कम होता है 150ma और 500w होता है ये हाई फ्रीक्वेंसी पर काफी अच्छी तरह से कार्य करते हैं ये दो प्रकार की होती है 1) SILICON SIGNAL DIODE 2) GERMANIUM SIGNAL DIODE SILICON SIGNAL DIODE इसका रिवर्स रेसिस्टेंस काफी अधिक होता है और फॉरवर्ड वोल्टेज ड्राप लगभग 0.6 से 0.7 जंक्शन के बीच होता है इसका फॉरवर्ड रेसिस्टेंस का वैल्यू बहुत कम होता है GERMANIUM SIGNAL DIODE इसका रिवर्स र...

MOV VARISTOR IN HINDI

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MOV (METEP OXIDE VARISTOR) इसका पूरा नाम मेटल ऑक्साइड वैरिस्टर होता है इसे वोल्टेज डिपेंडेंट रेसिस्टर भी कहते है इसका काम किसी भी सर्किट में लोड को प्रोटेक्ट करना होता है लोड को अधिक वोल्टेज आने पर खराब होने से बचना है  इसे लोड के पैरलल में लगाया जाता है ये वोल्टेज के अनुसार आते है जैसे किसी सर्किट में 220 वोल्ट लोड को दी जानी है तो 220 volt की mov लगाते है जब 220v से अधिक वोल्टेज सर्किट में आती है तब mov क्लिप हो जाता है यानी mov 221 बोल्ट या इससे अधिक होने पर ऑन हो जाता है और इसका रेसिस्टेंस बहुत कम हो जाता है जिससे एक्स्ट्रा करंट mov से होते हुए नुइट्रल में चली जाती है और लोड सुरक्षित रहती है जब 220v फ्लो होती रहती है तब तक इसका रेसिस्टेंस बहुत अधिक रहता है लेकिन जैसे ही इसका वोल्ट 220v से अधिक होता है इसका रेसिस्टेंस कम हो जाता है इसके ऑन होते ही बहुत ज्यादा करंट सर्किट में बहने लगता है इसलिए फेज लाइन में एक फ्यूज का प्रयोग करना चाहिए

SUPER BARRIER DIODE IN HINDI

SUPER BARRIER DIODE ये एक रेक्टिफायर डायोड ही होता है जिसमे लो फॉरवर्ड वोल्टेज ड्राप होता है इसमे surge से बचने के छमता होती है इसमे रिवर्स लीकेज करंट भी कम होता है नार्मल pn जंक्शन की अपेक्षा इसे हाई पावर और फ़ास्ट स्विचिंग के लिए डिज़ाइन किया जाता है और लो लॉस एप्लीकेशन में इसका प्रयोग किया जाता है सुपर बैरियर डायोड एक नए जमाने का रेक्टिफायर डायोड है जिसमे लो फोरवर्ड वोल्टेज ड्राप होता है schottly डायोड की अपेक्षा

SHOCKLEY DIODE IN HINDI

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SHOCKLEY DIODE इस pnpn जंक्शन डायोड भी कहा जाता है ये पहला चार लेयर वाला जंक्शन डायोड था  इसका प्रयोग अब नही किया जाता ये scr thyristor के समान होता है केवल अंतर इतना होता है कि इसमें कोई गेट नही होता है ये बिना गेट वाला thyristor होता है इसमे गेट डिसकनेक्ट होता है इसे ट्रिगर करने के लिए कोई गेट नही होता है इसमे करंट को कंडक्ट करने का काम इसे चालू करने के लिए फोरवर्ड वोल्टेज देना होता है

STEP RECOVERY DIODE IN HINDI

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STEP RECOVERY DIODE स्टेप रिकवरी डायोड एक सेमीकंडक्टर जंक्शन डायोड है जिसका काम बहुत छोटे छोटे पल्स को बनाना होता है ये बहुत अच्छे पल्स बनाता है इसकी स्विटचिंग फ्रीक्वेंसी अधिक होती है ये पल्स लगभग 10 ghz तक जा सकते है इसे snap off diode or charge storage diode or memory varactor भी कहते है इसका प्रयोग माइक्रोवेव में पल्स जनरेटिंग के लिए किया जाता है और इसका उपयोग parametric amplifier में किया जाता है 

CONSTANT CURRENT DIODE IN HINDI

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CONSTANT CURRENT DIODE इसे CONSTANT CURRENT DIODE या CURRENT LIMITING DIODE भी कहते है ये दिखने में ट्रांससिस्टर के जैसा होता है इसके अंदर एक jfet ट्रांससिस्टर ही होता है लेकिन इसके बेस को कलेक्टर के साथ सॉर्ट कर दिया जाता है  जब किसी सर्किट में हमे करंट का आउटपुट constant यानी एक समान रखना होता है तब इस डायोड का प्रयोग किया जाता है यह फॉरवर्ड बायस में काम करता है डायोड वोल्टेज को रेगुलेट करता है किसी एक विशेष करंट पर इसमे वोल्टेज की सीमा लगबग 1.5 से 6v  तक होती है ये करंट को रेगुलेट करता है इस कारण इसे करंट रेगुलेटर भी कहते हैं

TRANSIENT VOLTAGE SUPPRESSION DIODE IN HINDI

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TRANSIENT VOLTAGE SUPPRESSION DIODE ये एक सर्किट प्रोटेक्टिंग कॉम्पोनेन्ट है जो दो जेनर डायोड से  मिलकर बना होता है ये सर्किट में आने वाले एक्स्ट्रा वोल्टेज से प्रोटेक्शन करता है जैसे ही एक्स्ट्रा वोल्टेज सर्किट में आती है ये ट्रिगर हो जाता है यानी ये रिवर्स बायस से फॉरवर्ड बायस बन जाता है इसको सर्किट में पैरेलेल लगाया जाता है ये मुख्य रूप से ac सर्किट में प्रयोग किये जाते है क्योंकि ac में पोलेरीटी हमेसा चेंज होती रहती है कभी पॉजिटिव तो कभी नेगेटिव